Tuesday 26 March 2013

वृक्ष पहेलियां

 अनूठी रचना
 प्रिय समसेर कोसलिया ‘नरेश’ हरियाणा का एक एेसा उदयमान लेखक-कवि है, जिसमें सृजनात्मक प्रतिभा की उज्जवल संभावनाएं स्पष्ट झलकती हैं तथा साक्षी हैं। ग्रामीण अंचल और लोकजीवन का यह चित्रकार हरियाणवी भाषा के लुप्त लोकसाहित्य की खोज में और उसे प्रकाश में लाने में भी प्रयत्नशील है। वहां कुछ नया कुछ मौलिक सृजन करने में भी प्यास भी है। वृक्ष पहेलियां इसका स्पष्ट उदाहरण है।
‘ वृक्ष पहेलियां’ इसकी अनूठी कृति है जिसमें चार सौ से भी अधिक वृक्षों का संक्षिप्त परिचय दो से चार पंक्तियों में संकेत भाषा द्वारा दिया गया है।  इन संकेतों को छंद की सीमा में बांधने का प्रयास भले ही परिपक्व न रहा हो, परन्तु एक युवा कवि द्वारा इतनी अधिक संख्या में पेड़ों के नामों की जानकारी और पहचान अपने आप में आश्चर्यजनक है। जो सचमुच कल्पनातीत है। मंै इसे ‘नरेश’ की आसाधारण उपलब्धि मानता हंू। इस अविश्वसनीय आशातीत जानकारी का छंदोबद्ध या लयबद्ध करने का प्रथम प्रयास ही इसे संभवत: गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की सदस्यता का ही नहीं, अवार्ड का पात्र बनाता है क्योंकि इतनी संख्या में पेड़ों की जानकारी रखना और काव्य के रूप में ढालना भी अपने आप में एक विश्व कीर्तिमान है। हरियाणा प्रदेश के अपेक्षाकृत पिछडे़ क्षेत्र की इस प्रतिभा की प्रशंसा जितनी की जाए, वह कम है।
आजकल पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के सरकारी और गैर सरकारी प्रयास बहुत हो रहे हैं जिनमें पौधारोपण भी एक है। समसेर कोसलिया ‘नरेश’ की वृक्ष पहेलियां न केवल बच्चों बल्कि हर आयु और वर्ग के व्यक्तियों के ज्ञानवृद्धि करने के साथ-साथ प्रकृति के इस अनमोल धरोहर को सुरक्षित रखने की प्रेरणा भी देगी। आशा है विद्यालयों में, पुस्तकालयों में , पंचायतों में इस छंदोबद्ध, मनोरंजक एवं उपयोगी पुस्तक का सहर्ष स्वागत होगा।
आशा है समसेर कोसलिया ‘नरेश’ की लेखनी अपनी सृजनात्मक शक्ति को साहित्य की विभिन्न विधाओं में विकसित कर शीघ्र ही अपनी अलग पहचान देने में सक्षम होगी। शुभाशीर्वाद एवं मंगलकामनाओं सहित...
-उदयभानु ‘हंश’
(राज्यकवि हरियाणा), सूर पुरस्कार से सम्मानित, 202, लाजपत नगर,
हिसार-125001(हरियाणा)

मन की बात
मेरे जीवन की पहली पुस्तक ‘वृक्ष पहेलियां’ आपके हाथों में है जिसका अध्ययन करने के बाद ही आप इसे ठीक ठहरायेंगे या गलत यह आप निर्भर होगा।  पुस्तक अच्छी लगे तब भले ही मुझे पत्र न लिखें किंतु पुस्तक में गलतियां अथवा खामियां पाई जांवे तो आलोचानात्मक पत्र अवश्य लिखें, क्योंकि किसी भी कार्य में गलती कमी को उजागर करने वाला पहले भले ही दुश्मन की तरह लगे, मगर वह वास्तव में दुश्मन न होकर सच्चा मित्र वही होता है जो गलतियों के मार्ग से हटाकर अच्छाई की राह पर चलाता है। मैंने स्वयं महसूस किया है कि पुराने जमाने में मुंह पर बड़ाई में करना कम और बुराई को उजागर करके सचेत करना ज्यादा काम आलोचक का रहा है।  किंतु आज के इस युग में सामने बड़ाई करना ज्यादा तथा बुराई करना कम ही देखने को मिलता है। सामने बड़ाई करने की बजाए जो कमी रह गयी हो उसे सामने उजागर करना ज्यादा अच्छा रहता है ताकि मनुष्य भविष्य में अपनी गलतियों अथवा कमियों को दूर कर सके। इसलिए आप मेरी इस पुस्तक की गहराईयों तक पहुंचकर इसकी कमियों को उजागर करने के इस यज्ञ में अपनी आहूति अवश्य डालें।
‘वृक्ष पहेलियां’ नामक शीर्षक से इस पुस्तक में झाड़ीनुमा से लेकर मध्यम, विशालकाय वृक्षों की पहचान, गुण-दोष एवं नाम की जानकारी सहित चार सौ बीस पहेलियां लिखी गयी हैं। इस संख्या का अर्थ चालाक भी होता है इसमें मुझे चालाक अथवा चार सौ बीस न माने क्योंकि मैं एक भोला-भाला अथवा जुनूनी किस्म का इंसान हूंँ। इस जुनून के चलते ही यह पुस्तक वह भी साहित्यकारों के समाज से कुछ हटकर लिखी गयी है।  मेरे कानों में कुछ साहित्यकार भाइयों की आवाज आई है कि यह पुस्तक साहित्य में शामिल कम ही हो पायेगी तो कुछ साहित्यकार एवं साहित्यप्रेमियों की आवाज यह भी आई कि यह पुस्तक साहित्य में अवश्य गिनी जायेगी क्योंकि इसमें  वह कुछ है जो कि साहित्य में होना चाहिए। कुछ लोगों ने मेरे सामने यहां तक भी कह दिया कि आपकी यह पुस्तक तो थ्री इन वन अर्थात एक चीज से तीन लाभ वाली है।  कहने का तात्पर्य यह है कि इसको साहित्य, बाल साहित्य तथा पर्यावरण साहित्य मान्यता अवश्य मिलेगी। वर्तमान में चाहे पाठक हो साहित्यकार समाज दोनों ही वर्ग साहित्य पर छोटी-छोटी रचनाओं को पढऩे या लिखने में ज्यादा महत्व देते हैं। चाहे उसमें लघु कथा हो या कविताएं हों। मैने वर्तमान काल के अनुरूप चलने का कदम उठाया है। छोटी रचनाओं में ज्यादा जानकारियां सारगर्भित करने का प्रयास किये हैं यह प्रयास कितने खरे उतरते हैं यह तो भविष्य के गर्भ में ही छिपा है।
जहां तक मैने पहेलियां आम आदमी के समझ में आ जाए इसलिए जनभाषा का प्रयोग करने का प्रयास किया है। किसी साहित्यकार का कथन है कि सरल पढऩा आसान है मगर सरल लिखना आसान नहीं है। अगर वृक्ष पहेलियों को कठिन शब्दों के साथ प्रस्तुत किया जाता तो आम आदमी तक मेरे मन की बात पहुंचनी मुश्किल हो जाती। मैं मानता हूं कि पहेलियों में सरल भाषा का प्रयोग करते-करते भूल-चूक से कोई कठिन शब्द उपयोग में आ गया हो तो उसके लिये क्षमा चाहता हूं। यह पुस्तक आप प्रबुद्धजनों के हाथ में है और आप ही मेरा उचित मार्गदर्शन करेंगे। आपकी इजाजत होगी तो मैं इस दिशा में सार्थक प्रयास करूंगा। मंै सूर पुरस्कार से सम्मानित राजकवि श्री उदयभानु हंस के प्रति हृदय से आभारी हूं जिन्होंने इस पुस्तक की भूमिका लिखकर कृतार्थ किया। जिस तरह मुझे में ‘सदैव उपयोगी मिनी कलैण्डर’ नामक कति पर ‘गिनीज वल्र्ड रिकार्ड’ की सदस्यता का मौका मिला है मुझे विश्वास है कि इस तरह ही मुझे मेरी इस कृति पर भी आप लोगों का प्यार जरूर मिलेगा इस आशा के साथ... आपका
-समसेर कोसलिया ‘नरेश’                                                                                                                                  













विषय क्रम

अनूठी रचना
मन की बात
पहेलियां














वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर का राज्य वृक्ष कहलावे। हरे फल का साग सूखा खाया जावे।।
प्रथम कटे तो औषधी कहलाता। मध्य कटता तो एक गांव बन जाता।।
2. एक वृक्ष का तीन अक्षर में नाम। टहनी आवे दातुन के काम ।।
प्रथम काटे हाथ बन जाऊ। कांटा लागे कीक लगवांऊ।।
3. एक वृक्ष दो अक्षर का बताया।  करता यह कीटों का सफाया।।
उल्टा अंग्रेजी का धन कहलाये। यह औषधी, दातुन के काम आये।।
4. तीन अक्षर के इस राज्य वृक्ष को, सभी ने है पवित्र माना।।
प्रथम कटे समय , मध्य कटे फल, अन्त कटे मवाद बन जाना।।
5.साढ़े तीन अक्षर में नाम। लकड़ी आए मणियों के काम।।
इस पर बैठ कृष्ण नेे बंशी बजाई। इसकी उम्र भी हजारों साल बताई।।

उत्तर-1. खेजडी  2. कीकर  3. नीम  4. पीपल  5. कदम्ब





वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षर का नाम बतलाया। शांति का प्रतीक कहलाया।।
दिया राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा इसको। सम्राट ने विदेशों में लगवाया जिसको।।
2. दो अक्षर का यह एक वृक्ष है। पर्यावरण संरक्षण में दक्ष है।।
साल में एक बार फल लगे। सर्दी में गर्म गर्मी में छांव शीतल लग।।
3. तीन अक्षर का वृक्ष का नाम। तीन बार फल लगनें का काम।।
इस पेड की हरी लकडी भी जलती। दूध की मथानी लडकी से बनती।।
4. दो अक्षर मे नाम आता। भूत वृक्ष कहा जाता।।
उल्टे नाम से हत्या हो जाती।  छाल रंग के काम में आती।।
5. दो अक्षर का नाम बताया।  इसका फल सबको भाया।।
सबसे ज्यादा किस्म बताई। फल में गुठली है बताई।।

उत्तर:- 1. बड़  2. पिलू 3. करीर 4. धव 5. आम





वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर के नाम वाला । इसका फल है काला-काला ।।
 मधुमेह रोगी का हितैषी। छाया होती है छत जैसी ।।
2. चार अक्षर के नाम वाला। जाटों में गोत्र कहलाता।।
इस पेड़ की अति गहरी छाया। फर्नीचर इमारत बने लकड़ी की माया।।
3. तीन अक्षर के नाम वाला। हाथ रंगने के काम आऊं।।
मेरी पत्तियां है चमत्कारी। सकल नरियों को है प्यारी।।
4. एक ऐसा वृक्ष होता जिस पर फल लगे सकल वर्ष।।
सब्जी, पानी, सलाद, किसी में भी डालो रस।।
5. दो अक्षर का मेरा नाम। फल आता खाने के काम।।
कहीं लगता मेरा तोल। कहीं गिरकर लागे मोल।।

उत्तर:- 1. जामुन  2. सागवान 3. मेंहदी  4. नींबू  5. केला



वृक्ष पहेलियां
1. सांप के फन जैसा पत्ता मेरा। काटू तब तो देख दम तेरा।।
चार अक्षर का नाम बताऊं। औषध बाड़ के काम आऊं।।
2. तीन अक्षर का होता मेरा नाम। आऊं पागल कुत्ते की दवा के काम।
प्रथम कटे तो महादेव बनता। मेरी करो बाड़, पशु नहीं चरता।।
3. कागज कलम से नाता मेरा। मुझसे छप्पर भी बनता तेरा।
चार अक्षर का नाम बतलाए। चारपाई में भी काम आए।।
4. वह वृक्ष होता फलदार भी। इसक फल दानेदार भी।
इस नाम में तीन अक्षर बताए। इसका शरबत भी बनाया जाए।
5. हिमालय में मेरा निवास। फलदार हूं मैं एकदम खास।
मेरे नाम में दो अक्षर। पहेली बतावें साक्षर।।

उत्तर:- 1. नागफन  2. थूहर 3. सरपत  4. अनार  5. सेब



वृक्ष पहेलियां
1. हिमालय में पाया जाऊं। फल नहीं मेवा कहलाऊं।।
चार अक्षर का है नाम मेरा। फल तोड़े तो रद टूटे मेरा।।
2. तीन अक्षर का नाम। फल खाने के काम।।
नगर बिना नारी है बेकाम। अब तो बताओ मेरा नाम।।
3. तीन अक्षर का सब है नाम बतलाते। मेरे नाम का सम्राट है कहलाते।
मैं होता छायादार भी। एक किस्म हो शोभादार भी।।
4. तरप अक्षर का होता मेरा नाम। मेरा रस आता पूजा के काम।।
मेरा है दवाई से गहरा नाता। मेरा नाम का गौत्र भी कहलाता।।
5. सूखे क्षेत्र का फल सेब कहलाता। हर कोई है फल को चाय से खाता।।
अजा ही पत्ते भूख मिटाते। लागे टेडे नुकीले कांटे।।

उत्तर:- 1. अखरोट  2. पपीता 3. अशोक  4. कपूर  5. बेरी



वृक्ष पहेलियां
1. चार अक्षर का है मेरा नाम। गहरी छाया, फल देनरा काम।।
पत्तों से कीड़े हैं पलते। कीड़ों से हम कपड़ा बुनते।।
2. ख्याति की तुम अंग्रेजी बनाओ। मेरा नाम तुम स्वत: ही पाओ।।
प्लाईवुड लकड़ी से बनती। वृक्ष की हरी लकड़ी चिरती।।
3. हिमालय से चलकर आता। तीन अक्षर में नाम आता।।
दूध में मैं जुड़ता जाता। जब मैं बुद्धी को बढ़ाता।।
4. चार अक्षर का पेड़ कहलाता। फल गरीबों का सेब कहलाता।।
साल में दो बार फल लगता। तोता काटने है भगता।।
5. मैं गहरी छाया का राजा। बेकार होती लकड़ी ताजा।
कुल तीन अक्षर का नाम आता। प्रथम कटे बराबर कहलाता।

उत्तर:- 1. शहतूत  2. पापुलर 3. बादाम  4. अमरूद  5. शीशम



वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर वृक्ष कहलाता। मध्य कटे तो सीर बन जाता।।
अंत कटे तो शीश बन जावे। आदि कटे तो सर कहलावे।।
2. राजपुष्प इसका फूल कहलाता। सुखे इलाके में यह पाया जाता।।
तीन अक्षर का यह बताये नाम। लकड़ी इमारत में आये काम।।
3. पत्ते शिव पूजन में आये काम। केवल दो अक्षर में आये नाम।
नाम अर्थ से बना लता। बने सर्वथ फल से दिया बता।।
4. इसका चार अक्षर का नाम है। फूलों का कविताओं में नाम है।
फूलों की उपमा होवत भारी। कच्ची कलियों की शोभा न्यारी।
5. चार अक्षर के नाम वाला। यह वृक्ष है बड़ा निराला।
जल शुद्ध करे इसका सर्वरस। आज हम गए हैं तरस।।

उत्तर:- 1. सिरस  2. रोहेड़ा 3. बेल 4. कचनार  5. सहिजना
                



वृक्ष पहेलियां
1.साढ़े तीन अक्षर नाम में आये। यह एक बहुत अच्छा वृक्ष कहलाये।।
दवाइयों के यह काम आता । फिर भी यह जंगल कहा जाता।।
2.इसका  तीन अक्षर का है नाम । वृक्ष आता औषधि के काम ।।
आदि कटे जवानी उतर जाती । मध्य कटे हिमालय बन जाती ।।
3.यह अति लघु  वृक्ष है कहलाता। पर्याय एक राजा का गोत्र बतलाता।।
यह दूध का है खजाना अपार । नाम में दो आखर मेरे यार
4.तीन अक्षर का मेरा नाम। पत्तों का नहीं होवे काम ।।
आदि कटे कृष्ण-लीला कहावे। मध्य कट जाय तो बात उलझ जावे।।
5. प्रथम कटे तो हाथ लगादे। मध्य कटे तो नैया पार लगादे।।
अंत कटे तो देश कहावे। तीन अक्षर का नाम बतावे।।

उत्तर:- 1. गम्भारी 2. पाढ़ल 3. आक(सूरी) 4. फरास  5. पाकर.



वृक्ष पहेलियां

1. तीन अक्षर मे नाम आता। औषधी में यह काम आता ।।
प्रथम कटे लावा कहलाता।। मध्य कटे तो नाम बतलाता।।
2. तीन आखर का है नाम। आता अचार के काम।।
ठण्ड से नाता, दूजा नाम रखता। फल रस चिपकाने के काम आता।।
 3. तीन अक्षर का भतेरा नाम। औषध दे करू तेरा काम ।
दूसरा नाम जिला कहलाता। ये सब को वृक्ष है बतलाता।।
5. तीन अक्षर का नाम कहलाता । दूसरा नाम रात बतलाता।।
यह सब पेड़ है बतलाता। दवा छाया के काम आता।।
4.स्वर्ण जैसा है नाम मेरा । छांव, दाव से पडे काम तेरा।।
चार अक्षर मेरे नाम में आते। दूजे में कृष्ण भी कहलाते।।

उत्तर:- 1. भीलावा 2.लसोडा 3. सिहोरा (सिहोर) 4. अरनी  5. सोनापाठा


                                   वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर में आता है नाम। आए छांव, ईंधन औषध के काम ।।
दूजा नाम बांध कहलाता। यह सकल पड़े है बतलाता।।
2. केरल का राज्य वृक्ष कहलावे। चार अक्षर इसके  नाम में आवे।।
इसके फल का कवच बड़ा कठोर। तोडऩे वाले का दिखे जोर।।
3. तीन अक्षर का नाम बतलाये। फल इसका मेवा कहलावे।।
प्रथम कट जाए यह तो धन कहलाता। मध्य कटे तो भगतों में बोला जाता।।
4. मीठे फूल के नाम वाला। फिर भी होता है फल वाला।।
तीन अक्षर का नाम बतलावे। सब किसी में ख्याति पावे।।
5. खट्टी-खट्टी हो अदा मेरी । चटनी बनती सदा मेरी।।
तीन अक्षर में नाम आये। बीज दवा के काम आये।।

उत्तर:- 1. बरना (सेतु) 2. नारियल 3. बदाम 4.महुआ  5.इमली



                                   वृक्ष पहेलियां
1. चार अक्षर का नाम बतलाये। पर्याय एक गौत्र कहलाये।।
औषधी के है काम आए। भैया अब तो दो बतलाए।।
2. दूर देशों से यहां चलकर आया। यहां आकर अपना वर्चस्व जमाया।।
इसका है दो अक्षर का नाम बताया। अफारा दूर करने के काम आया।।
3. हिमालय में है मेरा वास। बनता हूं मैं तेरा निवास ।।
फर्नीचर के भी काम आता। जो नष्ट करे वो पछताता।।
4. तीन अक्षर का नाम बतलाता। आदी कटे दलदल कहलाता।।
मध्य कटे बिक्री हूं करवाता। अंत कटे दलदल कहलाता।।
5. तीन अक्षर का मेरा नाम। औषध में आता हूं काम।।
यदि का पर्याय है कहलाता। दूजा नाम आयरन बतलाता।।

उत्तर:- 1. मोलसिरी (वसु) 2. हींग 3. देवदार 4. सेमल  5.अगर

वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षर में है नाम आता। दूजा नाम है भांप जाता।।
मदिरा की तरह है रस। ऊंचाई और नही बस।।
2. तीन अक्षर का मेरा नाम। आता त्रिफले के काम ।।
औषध में बड़ा महत्त्वपूर्ण। सब खाते है मेरा चूर्ण।।
3. तीन अक्षर का है मेरा नाम। फल काटे तो तोडू रद तेरा।।
आता है औषध के है काम । दक्षिण भारत मेरा घर आम।।
4. साढ़े तीन अक्षर का नाम। मेरा फूल जगत में सरनाम।।
औषध के है काम आता। नाम कुन्ती नंदन कहलाता।।
5. साढ़े तीन अक्षर का नाम बतलाता। इसमें एक ऋषि का नाम भी कहलाता।।
अंग्रेजी महीनों में भी आता। यह विशाल वृक्ष भी कहा जाता।।

उत्तर:- 1. मोलसिरी (वसु) 2. हींग 3. देवदार 4.सेमल  5.अगर




वृक्ष पहेलियां
1. चार अक्षरों का है मेरा नाम। बच्चों की घूटी में आता काम।।
औषधीय गुण बतलाये। सकल जन के काम आये।।
2. चार अक्षर का है नाम मेरा। मैं दवाइयों का करूं काम।।
फल से वृक्ष नाम कहलाता । हर किसी के हूं काम आता।।
3. मेरा दो अक्षर में नाम आता। पहाड़ी वृक्षों में गिना जाता।।
मैं कंटीला वृक्ष कहलाता। पहाड़ो की शोभा बढ़ाता ।।
4. मेरे नाम से रंग कहा जाता। साढ़े तीन अक्षर का नाम आता।।
मेरा फल खाया है जाता। शरबत मे भी काम आता
5. साढ़े तीन अक्षर का नाम आता। कल्पना से मेरा गहरा नाता।।
वृक्षों में वृक्ष कहा जाता। श्री कृष्ण, अर्जुन को बतलाता।।

उत्तर:- 1. जायफल 2. कायफल 3.खैर 4.नारंगी  5.कल्प



वृक्ष पहेलियां
1. साढ़े तीन अक्षर में नाम आता। रोज को हूं मैं मिटता जाता।।
शिवजी का से प्रिय कहलाता। फल का मणिया बनाया जाता।।
2. एक बात को तू कबूल। मेरे प्रसिद्ध फू ल ।।
दाई का पर्याय कहलाता। दो अक्षर का नाम बतलाता।।
3. पांच अक्षर का नाम बतलाता। पहाड़ी पेड़ यह कहलाता।।
इससे बायोडीजल निकलता। डीजल से यंत्र है चलता।।
4. दो अक्षर का मेरा नाम क हलावे। कच्ची कली मशाला के काम आये।।
दक्षिण भारत मे इसका निवास। औषधीय वृक्ष है यह खास।।
5. एक बढिय़ा गोंद देनें का काम। दूजे नाम से बनता है गाम।।
दो अक्षर इसके नाम में है आते। पहाड़ो वनों में पाये हैं जाते।।



उत्तर:- 1. रूद्राक्ष 2. धाय 3.रतनजोत 4.लौंग  5.खैरी

वृक्ष पहेलियां
1. है यह दो अक्षरों के नाम वाला। पलंग-चारपाई काम वाला।।
ऊंचा अरु होता विशालकाय। यह इमारत में भी काम आय।।
2. यह दो अक्षरों के नाम वाला। लकड़ी देने के काम वाला।
सुराख का पर्याय कहलाता। जंगलों में ही पाया जाता।।
3. औषधीय और किटनाशक। नीम है इस वर्ग का शाषक
चार अक्षरों का नाम कहलाये। यह छांव में भी काम आय।।
4. साढ़े तीन अक्षरों का नाम बतलाया जाता। यह आज भी हरियाणा में पाया जाता।।
छाल रंगने के काम आती। इसकी गहरी छाया काम आती।।
5. तीन अक्षरों का नाम बताये। सूखे क्षेत्र में पनप जाये।।
मध्य कटे हाथ बतलाता। यह फूल वर्ग कहलाता।।

उत्तर:- 1. शाल  2. मोखा  3. बकायन 4. इंदोख  5. कनेर

वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षर इसके नाम में आते। हिमालय पर्वत पर पाये जाते।।
होती विशाल है इनकी ऊंचाई। लकड़ी इमारतों में काम आई।।
2. चार अक्षर का नाम कहलाता। इसका विशाल फल खाया जाता।।
हर फल सब्जी में काम आता। चिपकने से है गहरा नाता।।
3. पीपल वर्ग का यह कहलाता। तीन अक्षर का नाम बतलाता।।
इसका फल खूब खाया जाता। पक्षी बिष्ठा के जरिये बीज उग पाता।।
4. तेंदूलकर नाम में पाया जाता। हर कोई आदमी के काम आता।।
यह एक वृक्ष कहलाया जाता। दो अक्षर का नाम बताया जाता।।
5. इसका फल होता है खट्टा। उंगली जान न लगा सट्टा।।
अचार-सब्जी के काम आता। तीन अक्षर का नाम आता।।

उत्तर:- 1. चीड़  2. कटहल  3. गुलर 4. तेंदू  5. करौंदा



वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षर का नाम है आता। नाम को कचरा कहा जाता।।
यह जंगलों में है खूब पाया जाता। दूसरा नाम ईश्वर कहलाया जाता।।2. होता तीन अक्षरों का मेरा नाम। दूध आवे टायर-ट्यूब के काम।।
आदी कटे तो वह बतलाता। अन्त कटे भगवान कहलाता।।
3. छोटा वृक्ष ही यह कहलाता। अढ़ाई अक्षर का नाम बताता।
सलाद में डाला जाता। यह भूख को है बढ़ाता।।
4. साढ़े तीन अक्षरों का है नाम। इसका फल आये जूस के काम।।
इसके नाम से रंग कहलाये। इस फल में कलियां भी बतलाये।।
5. दूर देशों से यह चलकर आया। यहां आकर अपना पैर जमाया।
छाया का केवल नाम होता। लकड़ी आती इमारत के काम।।

उत्तर:- 1. कूड़ा (प्रभु)  2. रबड़  3. नीम्बू 4. सन्तरा  5. सफेदा


वृक्ष पहेलियां
1. अढ़ाई अक्षरों का होता नाम। जंगलों में पाना मेरा काम।।
मैं वृक्ष होता झाड़ीदार। गुफ बनती बड़ी मजेदार।।
2. सात अक्षरों का है अंग्रेजी नाम। छाया और ईंधन देने का काम।।
सीरस जाती का कहलाता। मगर पत्ते बड़े कहलाता।।
3. दो अक्षरों का नाम मेरा। ईंधन से सारता काम तेरा।।
पक्षियों की मैं रक्षा करता। फल से सिडोरा है भरता।।
4. यह तीन अक्षर का है कहलता। जब यह अपना चरित्र बतलाता।।इसकी कहानी को जाना ना भूल। फल से नौ माह पहले आता फूल।।
5. साढ़े चार अक्षर में नाम आता। ऊंचा वृक्ष भी यह कहा जाता।।
यह सुन्दरता तब लिए हुए। जब सुन्दर पुष्प खिले हुए।।


उत्तर:- 1. हींग  2. अकेशियाशामिया  3. जाल  4. कीकर  5. मुचकुन्द

वृक्ष पहेलियां
1. सदाबहार वृक्ष यह कहलाता। चार अक्षर का नाम बतलाता।।
साग, चटनी, अचार, शरबत बनाया जाता। अब तो कुछ विचार करो भ्राता।।
2. हर्बल में यह काम आता। पांच अक्षर में नाम आता।।
फल आते और आते फल। अब क्या भाई बतायेगा कल।।
3. तीन व दो अक्षरों में नाम आता। औषधियों में बि सरेआम जाता।।
इसके फल का रस रेशमी और सूती कपड़े धोने के खूब काम आता।।
4. पांच अक्षरों का नाम कहलाये। श्रृंगार से नाता नाम बतावे।।
इसके रात्री को खिलते फूल। भाई इसे ना जाना भूल।।
5. तीन अक्षर में नाम आता। औषध में यह काम आता।।
और यह फूला हुआ सुहावना। देखने में लगे सा लुभावना।।


उत्तर:- 1. कमरख 2. अमलतास  3. अरीठा (रीठा)  4. हरसिंगार  5. कुचला


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर में नाम बतलाता। सदबहार है यह कहलाता।।
 औषधियों में काम आता। अब तो समझो भ्राता।।
2. दो अक्षर का नाम बताया। यह एक वृक्ष है कहलाता।।
इसके पत्ते-फल-गोंद काम आते। इसको मध्यम वृक्ष है बतलाये।।
3. होता है तीन अक्षरों का नाम। पानी के पास पाना है काम।।
छोटा-सा वृक्ष यह कहलाता। फूल में अति सुगंध बतलाता।।
4. चार अक्षर नाम में बताए। खट्टे-मीठे फल काम में आए।
प्रथम दो कटने पर समाधान बने। अन्त में दो कटे बरगद महान बने।।
5. साढ़े तीन अक्षर में मेरा नाम। छाया देना होता मेरा काम।।
मैं हूं बड़ा सुन्दर सुघट। मैया ज्ञान के खोल पट।।


उत्तर:- 1. अडूसा 2. कैथ  3. केवड़ा  4. बड़हल  5. कोशाम्र

वृक्ष पहेलियां
1. झाड़ीदार यह वृक्ष बतलाता। सुन्दर फूल इसके है आता।।
एक दूसरा नाम एक पड़ौसी देश नागरिक है कहलाता।।
2. चार अक्षर का है इसका नाम। छाल पता आता इसका काम।।
आदी कटने पर गिरी हुई। अन्त कटे तो अपराध वाला।।
3. दो अक्षर में बनता नाम। मेवा देना इसका काम।।
इसमें मेवे से बफी बनती। खाने में है खूब ठनती।।
4. यह वृक्ष होता है छायादार। लोग कहते औषधीय फलदार।।
तीन अक्षरों में आता नाम। मुंह के छालों में आता काम।।
5. मौसम का स्त्री लिंग कहलाता। तीन अक्षरों का नाम बतलाता।।
जूस महत्वपूर्ण बड़ा होता। यह नींबू से बड़ा होता।।


उत्तर:- 1. नीम  2. पापड़ी  3. काजू  4. गोंदनी  5. मौसमी

वृक्ष पहेलियां
1. कर्नाटक का राजकीय वृक्ष कहलाता। साढ़े तीन अक्षरों का नाम बतलाता।
यह वृक्ष सदाबहार होता। यह सुगंधी का भण्डार होता।।
2. दो अक्षरों का नाम बतलाता। यह भी है वृक्ष कहलाता।।
औषध देना है काम। पाण्डु-पुत्र दूजा इसका नाम।।3. सदा तीज त्यौहारों में आता काम। साढ़े तीन अक्षर में है आता नाम।
इसके पत्ते विवाह-शादियों में भी उपयोग होते हैं। यह बड़ा सरनाम।।
4. तीन अक्षरों में नाम आता। शरबत बनाने के काम आता।।
शरबत गर्मी में पीया जाता। तब खुशी से जिया जाता।।
5. तीन अक्षरों में नाम आता। त्रिफला में यह काम आता।।
दावा से इसका गहरा नाता। अब तो बताओ मेरे भ्राता।।

उत्तर:- 1. चंदन  2. कोह (अर्जून)  3. मेंहदी  4. फालसा  5. हरड (हरितकी)


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षरों का यह वृक्ष कहलाता। त्रिफला में यह डाला जाता।।
मुरब्बे में भी आता काम। अब तो बतलाओ इसका नाम।।
2. दो अक्षरों में नाम आता। औषध के काम आता।।
सबसे ज्यादा जल्दी बढऩे का नाता। हर किसी के यह काम आता।।
3. इसके पत्तो से बनता हरा चारा। मरुभुमि में है महत्व बड़ा भारा।।
दो अक्षर में है नाम कहलाया। फल का भी खूब नाम बतलाया।।
4. तीन अक्षरों का इसका नाम। औषध में भी खूब आता काम।।
इसका पर्याय दल कहलाता। यह है अपने गुण बतलाता।।
5. तीन अक्षर का है नाम मेरा। औषध का है करता काम तेरा।।
अंत कटे तो नशा कहलाता। यह नाम कामदेव बतलाता।।


उत्तर:- 1. आंवला  2. बांस  3. बेरी  4. कबीला  5. मदन

वृक्ष पहेलियां
 1.साढ़े तीन अक्षरों का मेरा नाम। निज नाम वाले को नभ में उड़ाना बच्चों का काम।।
मैं आप को सही हूं बतलाता। फिर भी मैं वृक्ष हूं कहलाता।।
2.मेरा पर्याय त्याग कहलाता। यह सारा वृक्ष है कहलाता।।
दो अक्षर में नाम आता। औषधीय में काम आता।।
3.दलहन व मीठे का साझा नाम। औषधी देना है मेरा काम।।
मैं हूं पूर्ण वृक्ष कहलाता। चार अक्षर में नाम बतलाता।।
4. नाम का गहरे पत्र से नाता। यही सारा वृक्ष है सुनाता।।
चार अक्षरों में नाम आता। औषधीय में काम आता।।
5.नाम में सांप का ताज आता। मैं हंू वृक्ष कहलाया जाता ।।
पांच अक्षरों में मेरा नाम । दवाई देना मेरा काम।।


उत्तर:- 1. पतंग  2. तज  3. दालचीनी  4.तेजपात 5. नागकेसर

वृक्ष पहेलियां
1.तीन अक्षरों में आता नाम। मीठा फल खाने के आता काम।।
फल मीठा वृक्ष होता छोटा। रोपण करने में नहीं टोटा।।
2.यह बलवाला वृक्ष कहलाता। चार अक्षर में नाम बतलाता।।
इसकी लकड़ी होती मजबूत। लकड़ी समझ नही चाहे सबूत।।
3. तीन अक्षर में आता नाम। फल अचार के आता काम।।
सुन्दर लगते है इसके फूल। इसके  विनाश में ना करें भूल।।
4.यह वृक्ष होता मध्यमाकार। दवा से होता काम सकार ।।
छाल लकड़ी आती है काम । इसका दो अक्षर में है नाम।।
5.साढ़े तीन अक्षर का नाम । कम पानी में पनपना काम।।
इसका तेल है खूब काम आता। औषधी में पत्तों का नाम आता।।


उत्तर:- 1. सरीफा 2. वीरतरू  3.करील  4.लोभ  5.एरण्ड


वृक्ष पहेलियां
1.पांच अक्षर में है मेरा नाम। औषधी में करता तेरा काम।।
मुझसे बढिय़ा है बनती  धूप। सबके मन भाए रंक से भूप।।
2.मेरा तीन अक्षर का है नाम। सुगंधित गोंद देने का है काम।।
छोटा कंटीला वृक्ष बतलाते। यह औषधी में खूब काम आते।।
3.नाम के साथ पत्ते का नाम जुड़ा। पत्तों का औषध के साथ काम जुड़ा।।
यह वृक्ष होता बड़ा खास । वृक्ष पालों तो मानव का विकास।।
4. तीन अक्षर का है नाम आता है दवा के काम।।
दूध का रंग है पीला। वृक्ष होता बड़ा हठीला।।
5. है तीन अक्षरों का नाम। आता है दवा के काम।।
अंत कटे तो संख्या बनता । मध्य कटे तो नाता बनता।।


उत्तर:- 1. धूपसरल 2. गूगल  3.तालिसपत्र  4.सातला  5.सातला


वृक्ष पहेलियां
1.अढ़ाई अक्षरों में नाम आता। यह फूला के है काम आता।।
यह एक प्रसिद्ध वृक्ष कहलाता। इसका नारी पर नाम बतलाता।।
2.चार अक्षरों का एेसा मेल। औषधी देना इसका खेल।।
फूलों में इसकी होती गिनती। नाम बताने की कोरी विनती।।
3. तीन अक्षरों का नाम आता। औषध में भी काम आता।।
इसका बढिय़ा पुष्प कहलाता। सारा यह है वृक्ष बतलाता।।
4.डग-डग से जुड़ता मेल। बच्चे इस पर खेले खेल।।
तीन अक्षर में इसका नाम आता। श्रीकृष्ण से जुड़ता नाता।।
इस वृक्ष की दो किस्म बतलाते। असली फूलों वाले कहलाते।।
तीन अक्षरों में है इसका नाम। बागों की शोभा बढ़ाना काम।।


उत्तर:- 1. चम्पा 2. मौलसिरी  3.नेवारी  4.कदम  5.असली अशोक


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षरों का है मेरा नाम। आदी कटे हिम्मत बनना काम।।
अन्त कटे तो ऊंचाई बनती। मध्य कटने पर घटाई बनती।।
2. यह नकली किस्म का कहलाता। फिर भी इसको पूछा जाता।।
इसकी भी दो जाति हैं बताई। एक छाया दूजे शोभा बढ़ाए।।
3. साढ़े चार अक्षरों का नाम। मै दुनियां में हूं सरनाम।।
औषध देना मेरा काम। अब फूलों में भी मेरा नाम।।
4. मेरा पर्याय टीका कहलाता। तीन अक्षरों में नाम बतलाता।।
पुष्पों में गिना जाता। अब तो बताओ भ्राता।।
5. साढ़े चार अक्षर में नाम आये। औषधी देने के काम आवे।।
पुष्पों में मेरी गिनती होती। रंग से रब की विनती होती।।


उत्तर:- 1. कदम 2. अशोक  3. मूचकुन्द 4.तिलक  5. सिन्दुरिया


वृक्ष पहेलियां
1. गेंदाकार फूलों से इसका नाता। फूलों से है मानव का इत्र बनाता।।
यह वृक्ष होता है विशाल। आयु होती हजारों साल।।
2. साढ़े तीन आखर का नाम। नाम का यह था ऋषि सरनाम।।
यह आजादी का महीना आता। यह पुष्पों में खूब गिना जाता।।
3. पांच अक्षर का वृक्ष कहलाता। यह दवा में खूब काम आता।।
बड़े से बड़े बंध को तोड़ भगाता। जब यह मानव को खूब दस्त लगाता।।
4. तीन अक्षर का नाम बतलाता। उल्टा यह सतवे कहलाता।।
रस्सी बेंत के काम आता। मध्यम वृक्ष कहा जाता।।
5. दो अक्षर में है मेरा नाम आता। पत्ता पत्तल दोनों के काम आता।।
राष्ट्रीय वृक्ष हूं बतलाता। पक्षियों की शरण कहलाता।।


उत्तर:- 1. कदम  2. अगस्त  3. जमालगोटा  4.बेतस  5. बड़


वृक्ष पहेलियां
1. झाड़ीनुमा वृक्ष कहलाया। यह औषधीय है बतलाया।।
पांच आखर में आता नाम। यह पेड़ है जग में सरनाम।।
2. चार अक्षर में है नाम। आता दवा के है काम।।
तीन फल से जुड़ता नाता। यह वृक्ष अपने गुण सुनाता।।
3. पांच अक्षरों के नाम वाला। दवाइयों के काम वाला।।
डंठल, जड़ दवा के आते काम। मद्य व हरिद्रा से जुड़े नाम।।
4. एक झाड़ीनुमा वृक्ष कहलाता। चार अक्षरों में नाम बतलाता।।
तेज और फल से जुड़े नाम। आता है औषधी के काम।।
5. एक छोटा-सा वृक्ष कहलाता। तीन अक्षर में नाम बतलाता।।
उल्टा रनेथु बतलाया। यह एक वृक्ष कहलाया।।


उत्तर:- 1. बावविडंग 2. तिरफल 3. दारू हल्दी 4. तेज फल 5. थुनेर


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर के नाम वाला। है औषधीय काम वाला।।
झाड़ीनुमा है यह बतलाया। औषधीय वृक्ष है कहलाया।।
2. झाड़ीनुमा वृक्ष का धमाल। यह दवाई में करे कमाल।।
चार अक्षर में नाम बतलाया। यह भारतीय वृक्ष कहलाया।।
3. चार अक्षरों में नाम कहलाया। औषधियों में काम बतलाया।।
महिमा रस तरवर की। सयह लीला है रघुवर की।।
4. चार अक्षर में नाम। पुष्प हेतु सरनाम।।
फतह से जुड़ता नाता। अब तो बताओ भ्राता।।
5. दो अक्षरों में मेरा नाम। इसका सुन्दरता देना काम।।
है फूलों के लिए अनोखा। आक जान मत खाये धोखा।।


उत्तर:- 1. माचिका 2. नाड़ी हिंगु  3. हाउवेर  4. विजैसार  5. ढ़ाक


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षरों का है नाम। कोम रूई देना काम।।
सुन्दर बड़े फूल सुहावने। तोते को लागे लुभावने।।
2. नाम है तीन अक्षरों में आता। रंग जुडऩे पर पांच हो जाता।।
फूलों में भी गिना जाता। यह ऊंचा वृक्ष कहलाता।।
3. साढ़े चार अक्षरों में नाम। एक था महाराजा सरनाम।।
चिट्ठी से भी नाता खाता। यह एक वृक्ष कहा जाता।।
4. तीन अक्षर का नारी नाम। यह पुष्प के लिए सरनाम।।
यह जंगलों में पाया जाता। औषधीय गुण बताया जाता।।
5. यह फलों का राजा। इसका रस पीओ ताजा।।
है दो अक्षर में नाम। किस्मों में है सरनाम।।


उत्तर:- 1. सेमर  2. काला सेमर 3. भोजपत्र 4. धामिन 5. आम


वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षर का है नाम। फल देना है काम।।
क्रिकेट खिलाड़ी के नाम में आता। औषधीय भी है कहलाया जाता।।
2. तीन अक्षर के नाम वाला। यह औषध के काम वाला।।
फलों में खूब है इसका नाम। पंखा, झाड़ू देना है काम।।
3. फल कठोर फोड़ा नही जाता। फिर भी यह छोड़ा नही जाता।।
यह पूर्वी भारत में पाया जाता। चार अक्षर में नाम बताया जाता।।
4. फल कठिनाई से फोड़ा जाता। चार अक्षर से नाम जोड़ा जाता।।
हिमालय में है पाया जाता। इसे नहीं कभी भुलाया जाता।।
5. दो अक्षर के नाम वाली। फल देने के काम वाली।।
उल्टा पढ़े तो बनती चिली। छाया इसकी कभी नाम हिली।।

उत्तर:- 1. तेंदू  2. खजूर 3. नाशपाती 4. अखरोट 5. लिची


वृक्ष पहेलियां
1. चार अक्षर में इसका नाम। फल देनरा है जिसका काम।।
इसका फल है पिस्ता का जन्मदाता। हलवाइयों के खूब काम आता।।
2. हिमाचल में मिलते जाता। एक किस्म है महाराजा।।
किस्म डिलीसन भी कहलाता। दो अक्षर में नाम बतलाता।।
3. तीन अक्षर में नाम बताया। फल देने का काम बताया।।
जापान से चलकर यहां आया। भारत में आकर पैर जमाया।।
4. साढ़े तीन अक्षर में नाम। फल देना है इसका काम।।
कच्चे फल के दूध की दवाई। सूखे फल से माला बनाई।।
5. साढ़े तीन अक्षर का नाम। आवत फल देने के काम।।
फल में है विटामिन-सी बेशुमार। रक्त बढ़ावे साफ करे इसका सार।।


उत्तर:- 1. मुकुलक  2. सेब   3. लोकाट  4.  अंजीर 5. मौसम्बी


वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षरों में नाम आवत। छाया के भी काम आवत।।
वृक्ष होता बढ़ा ही सुघट। पुष्प देख खुले मन के पट।।2. शायरों ने इसकी महिमा पाई। ये बात मेरे दादा ने बताई।।
होवत चार अक्षरों में नाम। इसका फूल जग में सरनाम।।
3. दो अक्षर का है नाम बतलाता। अंधेरे का पर्याय कहलाता।।
पर्यावरण का प्रहरी। क्या जाने इसे शहरी।।
4. औषध में बहुत बड़ी। न आटा है, न लकड़ी।।
पांच अक्षर में नाम आता। फिर भी यह वृक्ष कहलाता।।
5. चार अक्षरों में नाम आता। पौधा नहीं वृक्ष कहलाता।।
साग-सब्जी वाला यह नहीं। विदेशी अब भारत में यहीं।।


उत्तर:- 1. टेसू 2. नरगिस  3. विना (तिमिर) 4. मैदालकड़ी 5. टमाटर वृक्ष


वृक्ष पहेलियां
1. परशुराम की माता कहलाये। जमदग्नि की भार्या बतलाये।।
तीन अक्षरों में है नाम बतलाये। विदेशी व भारतीय वृक्ष कहलाये।।
2. तीन अक्षरों का होता नाम। नाम में होता विचित्र काम।।
प्रथम कटे तो अनेक बनता। मध्य कटे तो भी इस पर ठनता।।
3. एक वृक्ष रंग के नाम वाला। यह होता फल के काम वाला।।
इसकी यह देशी किस्म भी कहलाये। तीन अरू दो पांच के नाम बतलाये।।
4. नीम जाति का है यह कहलाता। सब्जी के स्वाद में काम आता।।
इसके पत्रों की ये सब माया। चार अक्षर में नाम बतलाया।।
5. दो अक्षरों में नाम आता। फल खाने के काम आता।।
फल को आलूबुखारा कहा जाता। यह आडू भी सुनने में है आता।।


उत्तर:- 1. रेणुका 2. ककई 3. नीला बादाम 4. करीपत्ता  5. पीच


वृक्ष पहेलियां
1. पत्थर सार पर्याय बतलाया। यह विदेशी भी है कहलाता।।
अब भारत में भी लगाया जाता। यह एक वृक्ष बताया है जाता।।
2. साढ़े चार अक्षर के नाम वाला। खूब महक देने के काम वाला।।
महक से भी जुड़ता नाता। तेल को नहीं भूल भ्राता।।
3. यह अफ्रीकी वृक्ष कहलाता। यह फल वाला है बतलाता।।
तीन अक्षरों में इसका नाम आता। आदी कटे रोकने के काम आता।।
4. तीन अक्षरों के नाम वाला। फल देने के काम वाला।
फल से उत्तम शाक बनता। फल अचार हेतु भी ठनता।।
5. पांच अक्षर के नाम वाला। फल देने के काम वाला।।गोंद भी औषधी में काम आता। शीतलता के काम-तमाम आता।।


उत्तर:- 1. शिलारस  2. तेलपत्र 3. बेरूक 4. करौंदा 5. कतीरा गोंद


वृक्ष पहेलियां
 1. तीन अक्षर का मेरा नाम। करता सारा तेरा काम।।आदी हटे तो माल बन जाता। मध्य कटे तो पेंदा ठन जाता।।
2. मेरा वृक्ष होता झाड़ीदार। होता मोटे-मोटे कांटेदार।।
विलायती कहलाया जाता। खवडहरों में पाया जाता।।
3. साढ़े तीन अक्षरों में नाम आता। अन्त अक्षर कटे तो हाथ बन जाता।।
आदी हटे तो दु:ख बतलाता। एेसा कौन-सा वृक्ष कहलाता।।
4. यह वृक्ष होता फलदार है। इसका फल शीतलदार है।।
चार अक्षर में नाम आता। यह औषधीय कहलाता।।
5. लकड़ी इमारत नाव के काम आती। इसकी छाल रंगने में काम आती।।
लकड़ी होती श्वेत व श्याम। दो अक्षरों में आता नाम।।


उत्तर:- 1. तमाल 2. विलायती कीकर  3. करर्ज 4. सीताफल 5. ऐन


वृक्ष पहेलियां
1. इसकी दो जाति श्वेत-श्याम। साढ़े तीन अक्षर में नाम।।
फूल, वृक्ष सुहावना होता। सुगन्धी से खूब लुभावना होता।।
2. यह वृक्ष बादाम जाति का, हिमालय में है निवास।।
चार अक्षर के इस वृक्ष में औषधीय है विश्वास।।
3. इस वृक्ष से खूब एक रस झरता है। इन्द्रदेव जिसको पसन्द करता है।।
उत्तम सुगन्ध और औषध से नाता। साढ़े तीन अक्षरों में नाम आता।।
4. गडरी, ठण्डी छाया वाला। फली तेल की माया वाला।।
इसके पुष्प मोती जैसे लगते हैं। माला रजनी काल में पहनते हैं।।
5. इसके स भी भागों का चिकित्सा में उपयोग। फल चुर्ण से मछली मरने का संयोग।।
वैसे फल चूर्ण औषधीय बतलाया। अढ़ाई अक्षर का है नाम कहलाया।।

उत्तर:- 1. अनन्त 2. पद्माख   3. सम्हालू 4. करजं 5. चिल्ला


वृक्ष पहेलियां
1. इससे रस्सी और बेंत है बनती। व्यवहार में पचांग की है ठनती।।
अर्क का भी उपयोग बतलाया। तीन अक्षरों का नाम कहलाया।।
2. यह वृक्ष सदाबहार कहलाता। साढ़े तीन अक्षर में नाम आता।।
फल से बनती चिकित्सा शैली। छाल मछली के लिए विषैली।।3. यह वृक्ष होता कंटीला। सघन सुन्दर होत छबीला।।
छाल, पत्र, बीज, तेल का उपयोग। साढ़े तीन अक्षरों का संयोग।।
4. नली से बांसुरी है बनती। जो मधुर स्वर में है बजती।।चार अक्षरों में है नाम आता। बंशी से कन्हैया याद आता।।
5. साढ़े चार अक्षरों का नाम। देखने में जैसे हो आम।।
पत्र, बीज चिकित्सा में उपयोग। यह कौन से वृक्ष का संयोग।।


उत्तर:- 1. वेतस 2. इज्जल  3. अकोंट  4. नरसल  5. नागदन्ती



वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षरों का नाम में संयोग। छाल, पुष्प का दवा में उपयोग।।
लकड़ी से फर्नीचर बनता। सुगन्धित वायु पुष्प करता।।
2. समुद्र तट र यह पनपता। छाल व फल का दवा बनता।।
यह वृक्ष सदाबहार कहलाये। छह  अक्षरों में नाम है बतलाये।।
3. वृक्ष सदाबहार लुभावना। यह होता बड़ा सुहावना।।
साढ़े तीन अक्षर में नाम बताये। यह रहे सदा हरा भरा कहलाये।।
4. नाम से बेल और वृक्ष कहलाता। छह अक्षरों में अपना नाम बतलाता।।
पीपल जाति में यह गिना जाता। पत्ते व छाल उपयोग में आता।।
5. फल पर होती तीन धार। पकने पर बनते आधार।।
इसके फल का दवा में उपयोग। तीन अक्षर का नाम में सहयोग।।


उत्तर:- 1. तून 2. पारीष पीपल 3. सर्जक 4. बेलिया पीपल 5. सालई


वृक्ष पहेलियां
1. चार अक्षर के नाम वाला। फल गुठली की बने माला।।
यह सदा हरा-भरा रहता है। यह बड़ा सुहावना लगता है।।2. तेल का क्रीमों में होता उपयोग। नाम में तीन अक्षर का संयोग।।
पुष्प खुशबू लिए होता है। गूद्दा शिल्क को धोता है।।
3. बलराम की मां का नाम आता। पेड़ है मीट का नाम आता।।
यह एेसा वृक्ष है भाई। बने छाल की है दवाई।।4. कोवा व जांघ का कौसा मेल। यह सारा प्रकृति का है खेल।।
चार अक्षरों में है नाम आता। पत्तों का दवा में व्यवहार किया जाता।।
5. तीन अक्षरों के है नाम वाला। औषधीय गुणों की छाल वाला।।
गोंद भी औषधी में काम आता। जल्दी बताओ इसका नाम भ्राता।।


उत्तर:- 1. पितौजिया 2. हिगोंट   3. मांसरोहिनी  4. काकजंघा  5. जिंगिनी



वृक्ष पहेलियां
1. पीले फूल और फल लगता है। लकड़ी से अच्छा धनुष बनता है।।
त्वचार चोट आये काम। तीन अक्षर में बताये नाम।।2. तीन अक्षर का होता है नाम। छाल आये औषधी में काम।।मध्य कटे, कभी आता। अन्त कटे तो कट जाता।।
3. तीन अक्षर के नाम वाला। सदाबहार दूध वाला।।
छाल, पात, पुष्प, दूध आते काम। इसका तू जल्दी से बता दे नाम।।4. पक्का फल आता खाने के काम। तीन अक्षरों में है आता नाम।।
इसके कच्चे फल का बनता शाक। अब तो समझ गये होंगे आप।।
5. फल इसका फलों का राजा। रस पियो, खाओ फल ताजा।।
इसे फल-गूद्दा के साथ खाते रोटी। दो अक्षर के वृक्ष की पेड़ी हो मोटी।।


उत्तर:- 1. धामिन 2. कटभी  3. सतौना  4. कदली (केला)  5. आम



वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षरों का एेसा नाम। मध्य कटे तो फसाने का काम।।
आदी कटे तो नियम बताता। सुन्दर पुष्प है इस पर आता।।
2. तीन अक्षरों में है आता नाम। गोंद भी औषध में आता काम।।
लकड़ी से गाड़ी के धूरे बनते। ये मजबूत धूरे, रथो में डलते।।
3. साढ़े तीन अक्षर में नाम आता। फल अचार के काम आता।।
इसका है फल कच्चा खट्ठा-मीठा। खूब सुगन्ध रखे इसकी त्वचा।।
4. साढ़े तीन अक्षर में है नाम आता। कोल्हू तेल पेरने के काम आता।।
बड़ा सुन्दर है छायादार होता। इसका फल भी दानेदार होता।।
5. यह वृक्ष है बड़ा महत्वपूर्ण। इसके काष्ठ का बनता चूर्ण।।
इसका तीन अक्षर में है नाम आता। बीज छाल पत्ता दवा में काम आता।।


उत्तर:- 1. जारूल  2. तिनिश  3. अम्वाड़ा  4. कोशाम्र 5. कुचला


वृक्ष पहेलियां
1. पांच अक्षरों में आता नाम। यह आता औषध के काम।।
इसके बीजों से तेल। फल का सुगन्धि से मेल।।
2. छह अक्षर का है वृक्ष कहलाता। अपने गुणों को है बतलाता।।
फल का मुरब्बा आचार बनाया जाता। पत्तों का शाक खूब बनाया जाता।।
3. तीन अक्षर का आता नाम। फल खाने के आता काम।।
फल सूखा है मेवा कहलाता।। गोंद भी महत्वपूर्ण बतलाता।।
4. तीन अक्षरों में नाम बतलाता। यह फलदार वृक्ष कहलाता।।
औषधीय गुण बताये जाते है7 वृक्ष के फल खाये जाते हैं।।
5. तीन अक्षरों में नाम कहलाता। फल में है अच्छी गन्ध बतलाता।।
इसका फल खाने के आता काम। अब तो बताओं भ्राता नाम।।


उत्तर:- 1. पानी आमला 2. हरफारेबड़ी  3. चिरौंजी  4. खिरनी  5. कंटाई


वृक्ष पहेलियां
1. दो अक्षरों का नाम बताये। इसका फल भी खाया जावे।।
इस पर गोंद भी मिलत है। फल से चटनी-शरबत है।।
2. महुवे के समान गुण फल में। यह होता तो है जल थल में।।
पांच अक्षर में बतावे नाम। फल औषधी में आये काम।।
3. साढ़े तीन अक्षर में एक पवित्र आवत नाम।।बीज इसका जल साफ करने में आवत काम।।4. चार अक्षर में नाम बतलाता। यह सदा बहार है कहलाता।।
फल का आधार और बनता शाक। फल शरबत पिए तो हो ताजा आप।।
5. तीन अक्षर का यह वृक्ष कहलाता। फलों का स्वाद है खट्टा बतलाता।।
इसके फल से ते-घी भी खूब बनाया जाता। आदी कटे तो थोड़ा मध्य कटे जाति बन जाता।।


उत्तर:- 1. कैंथ 2. जलमहुआ  3. निर्मली  4. कमरख  5. कोकम


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर के नाम वाला। यह औषधीय काम वाला।।
यह शाक वर्ग में बताया जाता। कच्चे फल का शाक बनाया जाता।।
2. अढ़ाई अक्षर का नाम विशाल। फूल खुशबू में करे कमाल।।खट्टाई के लिए काम आता। सुन्दर पत्तों से इसका नाता।।
3. अफ्रीका से चल भारत आया। जग का सबसे बड़ा कहलाया।।
अधिक उम्र इसकी बताते है। तीन अक्षर में नाम जताते हे।।
4. यह वृक्ष एक विदेशी है। इस पर यह जिद्द कैसी।।इसका फल है कटहल जैसा। स्वादिष्ट फल रहा हमेशा।।
5. दो अक्षरों का है इसका नाम। उल्टा-सीधा एक जैसा काम।।
अफ्रीका से बगीचों में आया। यह वृक्ष सदाबहार कहलाया।।


उत्तर:- 1. पिडार 2. भव्य  3. गोरक्षी  4. दुरियान  5. कोको



वृक्ष पहेलियां
1. छह अक्षर में है आता नाम। मूल, त्वचा, पत्र का काम।।
 लकड़ी हल्की मीठी बताते। त्वचा में रेशे बतलाये।।
2. नीम जाति का फिर भी कड़वा नही। पाचकता में कोई शिकवा नहीं।।
मजबूत लकड़ी से बनते कृषि यंत्र। कढ़ी-सब्जी के स्वाद का है मूल-मंत्र।।3. तीन अक्षर के नाम वाला। यह औषध के काम वाला।।
छाल, पत्र, काष्ठ का भोग। कृमि नाशक का संजोग।।4. आवाज से है मेल खाता। दो अक्षर में है नाम आता।।
खूब है इसके रस में सुगन्धी। बनती महत्वपूर्ण औषधी।।
5. तीन अक्षरों में है नाम आये। पत्तों से पशुओं को नशा छाए।।
रथ की धूरी बनाई जाए। यह बड़ा वृक्ष कहा जाए।।


उत्तर:- 1. उलट कंबल 2. मीठा नीम  3. भारंगी  4. बोल  5. तिनिश



वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर के नाम बिन्दी। रस में आती है सुगन्धी।।
औषध में यह काम आता। यह सदाबहार कहलाता।।
2. चार अक्षर में नाम आये। पत्तों से बै बीड़ी बनावे।।
मूल, त्वचा, पत्र, पुष्प की दवा। मुख की शुध्द होती इससे हवा।।
3. औषध में त्वचा आवे काम। चार अक्षर में है आवे नाम।।
नही घर में यह लगाया जावे। यह जंगल में ही पाया जावे।।
4. यह वृक्ष सदाबहार कहलावे। तीन अक्षरों में नाम बतलावे।।
औषधियों में यह खूब काम आवे। छाल, तेल, गोंद, फल, मूल, राख बतावे।।
5. यह वृक्ष एक झाड़दार है। यह भी एक सदाबहार है।।
बगीचों में बाड़ का काम लिया जाता। ज्यादातर समुद्र तट पर पाया जाता।।


उत्तर:- 1. अंजन 2. सिरहटा  3. इरिभेद  4. जैतून  5. संगकूपी


वृक्ष पहेलियां
1. त्वचा का औषध में काम। इसका पांच अक्षर में नाम।।
यह भी सदाबहार है कहलाता। अस्थि संधानक में लेप बताता।।
2. यह एक विदेशी वृक्ष कहलाता। चार अक्षर में नाम बतलाता।।
गोल्स मायफल का इससे उपयोग बताया। मायफल का जादूगरी में संयोग बताता।।
3. औषध में तेल उपयोगी। फल सज्जा भी है सहयोगी।।
हिमालय में है इसका घर। नाम में आते चार अक्षर।।
4. नाम में जहरी किन्तु होता नही। यह है विदेशी यहां होता नही।।
इससे कमण्डल बनने का संयोग। औषधी में होता फल का उपयोग।।
5. यह वृक्ष सदाबहार कहलाता। खुद में औषधीय गुण बतलाता।।
फल मसाले में काम आता। चार अक्षर में नाम आता।।


उत्तर:- 1. मैदालकड़ी 2. माजुफल  3. चिलगोला  4. जहरी नारियल  5. इलायची

वृक्ष पहेलियां
1. नाम में अक्षर पांच बतलाये। एेसा है एक वृक्ष कहलाये।।तेल औषधी में काम आवे। यह कौन वृक्ष धरा पर पावे।।
2. तेल डाले तो नरम बनता। तेल औषध में काम करता।।स्वादिष्ट तेल शाक में काम आवे। इसका चार अक्षरों में नाम आवे।।3. फूल से निकसे सुगन्धित तेल। पत्तों से शाक व सुगन्धित मेल।।पत्तों पर कांटे हैं पाये जाते। नाम में तीन अक्षर बताये जाते।।
4. चार अक्षरों का वृक्ष कहलावे। यह अपना गुण है बतलावे।।फली सिर व तन शुद्धी के काम आवे। ज्ञानी वही जो इसका नाम पावे।।
5. इसका छांव में कूप जल गुणकारी। दवा में काम आवे फल तरकारी।।
लकड़ी चिकनी मजबूत बतावै। छाया, तीन में नराम कहलावे।।


उत्तर:- 1. चाल मोगरा 2. विषा बिल  3. केवड़ा  4. शिका काई  5. गूलर



वृक्ष पहेलियां
1. फल का बीच भाग खाने की मनाही है। बात टके की सबने बताई है।।
गर्भ काल और व्रत में फल ना खावे। पूर्वाई फल का मुरब्बा बनाया जावे।।
2. लकड़ी को कीड़े नही खाते है। नीम जाति का इसको बताते हैं।।
चार अक्षरों का है इसका नाम। लकड़ी इमारती दवा में काम।।
3. ताजा फल से आचार बनता है। पुराना फल बेकार रहता है।।
यह भी एक वृक्ष कहलाता है। साढ़े तीन में नाम आता है।।4. देव व समाज नाम में आते हैं। मध्यम ऊंचाई का बताते हैं।।
फूल-फली का बने अचार, शाक। अब तो समझ गये होंगे न आप।।
5. चिकित्सालय के पास रोपा आवे। फली पुष्प से साग कढ़ी बनावे।।
अढ़ाई अक्षरों में नाम आवे। रस पानी शुद्धी में काम आवे।।


उत्तर:- 1. अनन्नास 2. बकाइन  3. कांकड़  4. इन्द्रजव  5. शिग्रु


वृक्ष पहेलियां
1. तीन अक्षर में नाम आता। यह औषध के काम आता।।
यह होते है बिलकुल आक जैसे। फूल व वृक्ष रंग नही हो वैसे।।
2. इनका फल कार्तिक में पके। छूने पर खूब ठण्डा लगे।।
चार अक्षरों में है नाम आता। भारत भर में यह पाया जाता।।
3. तेल होती दवा महा। चर्म रोग होता जहां।।
पांच अक्षरों में है नाम आता। विष्णु वाहन से नाम जुड़ जाता।।
4. यह वृक्ष होता मध्यकर। इसका हिमालय में है घर।।
यह औषध के काम आता। तीन अक्षर में नाम आता।।5. पत्ते बड़े, सुन्दर, छायादार होते। वृक्ष भी तो खूब झाड़ीदार होते।।
इसकी छाल चिकनी और मुलायम, पिण्ड पर लिखा कभी ना गायब।।

उत्तर:- 1. मदार 2. सिताफल 3. कड़वी कोड (गरूड फल)  4. खुबानी     5. गुलू (खडिया)


वृक्ष पहेलियां
1. बीजों का रंग सीसे जैसा। यह बीज इसका फिसले एेसा।।
पत्ते लखे बछीं के आकार। तीन अक्षर में औषधीयकार।।
2. हिमालय में इसका निवास। होता इसका वृक्ष है खास।।
तीन अक्षर के नाम वाला। छाल-पत्ता फिसलने वाला।।3. फूल छोटा है, फली लगती है। जड़ चर्म रोग का नाश करती है।।इसका यह वृक्ष झाड़दार होता। नाम रोग नाशक कार होता है।।
4. चार अक्षर में नाम आवे। यह औषध के काम आवे।।
एक डाली पर एक ही फल आवे। मध्यम वृक्ष पर पुष्प महकावे।।
5. चार अक्षरों में आता नाम। औषध में खूब आता काम।।
पत्ते होते इमली से। फूल होते मधुमक्खी से।।


उत्तर:- 1. कंजुरा (कना) 2. कंझल (कंजल)  3. दादमर्दन  4. जावसीर 
5. तरबड़


वृक्ष पहेलियां
1. छाल और पत्र का उपयोग। नराम में तीन अक्षर का योग।।
ताशु नाम जो हनुमत मात री। फूल एेसा जैसे हो छतरी।।
2. पत्ते होते कटी किनारी के। काम आवे दवा बीमारी में।।
तीन आखर में नाम बतलाया। यह झाड़ीनुमा वृक्ष कहलाता।।
3. इसकी दक्षिण अमेरिका में जन्म स्थान बतलाया।।
पांच अक्षरों में है इस वृक्ष का नाम कहलाया।।
4. वृक्ष का पर्याय कहलाये मार्फत। इसके फल का लोग बनाये शरबत।।
केवल दो अक्षरों में नाम कहलाये। यह अपने औषधीय काम बतलाये।।
5. यह साढ़े पांच अक्षर के नाम वाला। चिकना छिलका दवा के काम वाला।।
यह वृक्ष ऊंचाई लिए हुए। इसका फूल सुगन्ध हो पिए हुए।।


उत्तर:- 1. अंजनी (अंजनी वृक्ष) 2. अंजीरी (बेरू)  3. इपिकेकोना  4. ओट  5. कनकचम्पा

वृक्ष पहेलियां
1. इसके पत्ते होते है विशेष। होते सींग जैसे अवशेष।।
यह वृक्ष होता एकदम नकली। पांच वाले को समझे असली है।।
2. यह होता हिमालय की गोद में। कही लगे रहे इसी खोज में।।
दो अक्षरों का कहलाये। उल्टा लके  है बतलाये।।
3. सारी दुनिया इसके नाम को जाने। बहुत इसके कर्म काम को पहचाने।।
इसका दो अक्षरों में नाम बतलाये। सभी इसके फूलों की और लुभाये।।
4. कश्मीर में यह पैदा होता आया। इसका तीन अक्षर में नाम बताया।।
औषध में जड़, फल है योगी। इसका फल सुगन्धी का जोगी।।
5. बड़े फल के काम से खूब जाना जाता। माप अरू मीठे के नाम से पिछना जाता।।
यह वृक्ष झाड़ीनुमा कहलाये। चार अक्षरों में नाम बतलाये।।


उत्तर:- 1. काकड़ा सिंगी 2. केल  3.टेसू (टेसू)  4. कोमल  5.गजचीनी

वृक्ष पहेलियां
1. इसका पर्यासय देव गंगालु कहलाय। यह चार अक्षरों का है नाम बतलाय।।
यह फूल वर्ग का कहा जाए। छाल, दूध दवा के काम आए।।
2. साढ़े चार अक्षर में नाम बताय। रतन गन्धि इसका कहाए पर्याय।।
यहां वनों में पाया जावे। यह है अच्छा वृक्ष कहलावे।।
3. रक्त बहाव रोकने में दक्ष है। यह भी होता एेसा वृक्ष है।।
औषधीय ताकत में गुणकार। नाम में आते है अक्षर चार।।
4. यह वृक्ष बहुत खूबसूरत होता है। तासु खूब प्रसिद्ध पुष्प होता है।।
फूल वाले का चार अक्षर नाम। यह करता है औषधी का काम।।
5. छाल रस ही गोंद कहलाता। ये गोंद ही धूप बतलाता।।
पांच अक्षर में है नाम आता। यह वृक्ष बड़ा बताया जाता।।


उत्तर:- 1. गुलचिन (देवगंगालू) 2. गुल तुर्रा (रत्नगन्धि)3. गुलनार  4. गुलमेंदी  5.गूगलधूप

वृक्ष पहेलियां
1. इसका नाम छोटा पर है काम बड़ा। कुदरत ने  पत्तों में बर्छी आकर घड़ा।।
औषधीय गुणों की खान। नाम अढ़ाई अक्षर मान।।
2. मानव चाहे हल्के भेजे के हो। फल चाहे कितने हल्के दर्जे के हो।।
ऊफर भी आते तो काम ही है। सात अक्षर में तो नाम ही है।।
3. दक्षिण-अमेरीकन अब भारतीय। इसकी छाल है अति उपयोगीय।।
तीन अक्षर के नाम वाला। है औषध के काम वाला।।
4. पूर्व में विदेशी आज भारतीय है। इसके बीज की सुगन्ध शोभनीय है।।दो तीन अक्षर में नाम आते है। यह सदाबहार कहलाते है।।
5. फल-मख्खन से जूड़ा वसा का खजाना है। दीपक ने जलकर भी पहचाना है।।
बीज, तेल खूशबू युक्त स्वादिष्ट खाने में। चार अक्षरों में नाम आये कहलाने में।।


उत्तर:- 1. गून्दी (गुंदनी) 2.जंगली जायफल (कामुक)  3. सींकोना  4. कॉफी (कहवा) 5. फूलवारा (मखनियामधु)
वृक्ष पहेलियां
1. ज्वर में त्वचा का काम बताया। यह तो वृक्ष भारतीय कहलाया।।
तीन अक्षर में नाम कहलाए। दीदी इसका नाम बतलाए।।
2. वेस्टइन्डिज का बताया। फिर चलकर हमारे भारत आया।।
इसने वृक्ष लता से जुटवाया। साढ़े छह अक्षर का है बतलाया नाम।।
3. इन्हे बड़े वृक्ष बताते है। कदम्ब जैसे जताते है।।
इस पर शोध होने की बात है। तीन अक्षर के नाम की बात है।।
4. इसका मादा पुष्प ही उपयोगी है। यह पेड़ रहने वाला अफ्रीकी  है।।
यह अढ़ाई अक्षरों का नाम। मादा पुष्प से चलता काम।।
5. पर्याय में दाना भी जुड़ जाता। इसका दो अक्षर में नाम आता।।
यह सब है वृक्ष बताता। औषध के काम चलाता।।


उत्तर:- 1. भौलन  2. एरण्डककड़ी  3. हरदा  4. कुस्सो  5.बिही (बिहीदाना)


वृक्ष पहेलियां
1. दूजा नाम सिदेश्वर कहलाये। पहला चार अक्षरों का बतलाये।।
यह औषध का संयोगी। शाख, पत्र है उपयोगी।।
2. इसके खट्टे-मीठे होते फल। बाजार से बिकते सूखे फल।।
चार अक्षर में है इसका नाम। औषध में आना इसका काम।।
3. यह वृक्ष होता है एक साधारण। होती लकड़ी मजबूत लाल रंग।।
फल का नाम भी वही। जो नाम वृक्ष का सही।।
4. लकड़ी इसकी हल्की मुलायम बताए। यह ऊंचा वृक्ष मैदानों में पाए।।
औषध में छाल आवे काम। पांच अक्षर में बतावे नाम।।
5. पत्तो व काठ में दुर्गन्ध आवे। यह छोटा सा वृक्ष है कहलाये।।
इसका चार अक्षरों में नाम आता। एेसी वनस्पती बनाई विधाता।।


उत्तर:- 1. संघेसरा 2. खुरमानी  3. प्रियंगु  4. घोड़ाकरंज  5. चिलबिल


वृक्ष पहेलियां
1. सूखे क्षेत्र के वनो में पाए जाते। छोटे और झाड़ीदार बताये जाते।।
फल, छाल, मूल का होता दवा में उपयोग। इसके नाम में अढ़ाई अक्षर का संयोग।।
2. ताजी जड़ पागल कुते काटे पर काम। इसका हिन्दी के चार अक्षरों में नाम।।
यह वृक्ष फूल वाले वर्ग में माना जाता। दवा में गोंद छाल फली उपयोग में आता।।
3. ये वृक्ष होते है बहुत छोटे। पत्ती धुआं से चेतना लौटे।।
एेसा सकल निघंटु बतलाते है। चार अक्षर में नाम कहलाते हैं।।
4. सूखे क्षेत्र का बड़ा सेब कहलाये। फलीय लघु कांटेदार पेड़ बतलाये।।
इसकी किस्म अलग-अलग कहलावे। इसका तीन अक्षर में नाम आये।।
5. इसके फल की गुठली बड़ी कठोर होती। सूखे क्षेत्र में सेव में गिनती होती।।
फलदार वृक्ष मध्यम कहलाता। कुल दो अक्षरों में है नाम आता।।


उत्तर:- 1. मूर्व 2. किंकिरात  3. कालामोखा  4. सौवीर  5. कोल

वृक्ष पहेलियां
1. वृक्ष छोटा कांटेदार भी होता। इसका वृक्ष है फलदार भी होता।।
छिलके में हो सुगन्धित तेल। नाम में तीन अक्षर का मेल।।
2. इसका यह वृक्ष सदाबहार है। सदाबहार है और फलदार है।।
नराम में चार अक्षरों का मेल। छाल में होता सुगन्धित तेल।।
3. यह एक ऐसा वृक्ष कहलावे। दक्षिण भारत में पाया जावे।।
बीज, तेल का दवा में उपयोग। साढ़े तीन अक्षरों का हो योग।।
4. दक्षिण भारत में पाया जावे। चर्म रोगों को जड़ से मिटावे।।
एेसा बीजों का है तेल। नाम में चार अक्षर का मेल।।5. दूसरे वृक्ष जैसा हाल। मगर सफेद होती है छाल।।
टेडी मेढ़ी होती शाखाएं। पांच अक्षरों में नाम बतलाएं।।


उत्तर:- 1. बिजोरा 2. चकोतरा  3. कंधारी  4. तुवरक  5. सफेद खैर


वृक्ष पहेलियां
1. नाम का नाता जुड़े दुर्गन्ध से। फूल का नाता जुड़ता सुगन्ध से।।
होता व क्ष गोंददार है। झाड़ीनुमा कांटेदार भी है।।
2. होता छोटा वृक्ष दक्षिण में पाये। बीज तेल खटाई में काम आये।।
साढ़े तीन अक्षर में नाम का योग। तेल का मोम में होता उपयोग।।
3. एक ऐसा ऊंचा वृक्ष कहलाता। शाल जाति का है वृक्ष कहलाता।।
साढ़े तीन अक्षर का नाम में मेल। औषध में उपयोगी रालीय तेल।।
4. इसके बहुत सुघट वृक्ष कहलाते। बड़े वृक्ष दक्षिण में पाये जाते।।
औषध में काम आए बीजों का तेल। नाम में साढ़े तीन आखर का मेल।।
5. तीन अक्ष्र का नाम दक्षिण में पाया जावे। लकड़ी से तख्ते, बक्स, अलमारी बनाया जावे।।
लकड़ी हल्की चिकनी व टिकाऊ होती है। दीमक न लगे लकड़ी मनभाऊ होती है।।


उत्तर:- 1. दुर्गन्ध खैर 2. वृक्षाम्ल  3. गर्जन  4. पुन्नाग  5. सागोन

वृक्ष पहेलियां
1. विशाल वृक्ष का सब जाने नाम। त्रिफला में है फल आते काम।।
वृक्ष से गोंद, फलों से तेल। तीन अक्षर का नाम में मेल।।
2. राजस्थान का राज्य पुष्प कहलाये। लकड़ी खूब इमारत में काम आये।।
यह भी सदाबहार कहलाये। तीन अक्षर में नाम बतलाये।।
3. एक ऐसा वृक्ष झाड़ीदार है। जिसकी प्रकृति गुफादार है।।
इस पर है कांटे बतलाये। दो अक्षर में नाम कहलाये।।
4. बस्तियों में भी मिल जाऊं। फिर भी जंगली कहलाऊ।।
मधुमेह रोगी की जान बचाऊं। इसका छह अक्षरों में नाम बताऊं।।
5. श्वेत रंग से रखे रिस्ता। यह मध्यम-सा है दिखता।।
महकदार पुष्प छह का संयोग। छाल पुष्प का दवा में उपयोग।।


उत्तर:- 1. बहेड़ा 2. रोहेड़ा  3. हींस  4. जंगली जलेबी  5. सफेद पाढ़ल


वृक्ष पहेलियां
1. यह वृक्ष झाड़ीदार होता है। मध्यम आकार का होता है।।
मूल, पत्तों का दवा में उपयोग। साढ़े छह अक्षर का नाम सहयोग।।
2. कांटेदार और झाड़दार है। खेत की मेढ पर बाड़दार है।।
इसका है तीन अक्षरों में नाम। दूध, पत्र, मूल का दवा में काम।।
3. यह होता मध्यम आकार का। पत्ता होता है कंटकार का।।
दूध, मूल, काण्डा का उपयोग। छह आखर में नाम का संयोग।।
4. यह वृक्ष होता है बहुत ही छोटा। दूध मछली मारने वाला होता।।
दवा में दूध, छाल आये काम। कुल सात अक्षरों में आये नाम।।
5. छोटा झाड़ीदार एेसा हो हाल। फली के रस से धोए जाए बाल।।
रेशमी कपड़ा धोए, पत्र-फली काम आये। यह पेड़ अपना चार अक्षरों में नाम बतलाये।।


उत्तर:- 1. वृहद अरनी 2. थूहर 3. तिधाराथूहर 4. अंगूलियाथूहर  5. शिकाकाई

वृक्ष पहेलियां
1. मजबूत सदाबहार पुष्प हो श्वेत। है तीन अक्षरों के नाम का सफेद।।
सभी अंगो का विषैला से संयोग। पुष्प, पूजनत्वक, पत्र का उपयोग।।
2. मजबूत सदाबहार हो वृक्ष छोटा। पशु जानवर खाने में खाये धोखा।।
पुष्प का रंग होता है लाल। साढ़े पांच का नाम में कमाल।।
3. यह छोटा और सदाबहार है। बीज विषैले का दावेदार है।।
औषध में छाल का उपयोग भारी। पीत पुष्प पांच में नाम है जारी।।
4. बागो में है यह लगाया हुआ। लाल रंग का फूल आया हुआ।।
औषधीय गुणों की खान। नाम आठ अक्षर के समान।।
5. दो अक्षर में है नाम बतलाये। भारत का यह गौरव कहलाये।।
छाल, मूल, त्वक, गोंद, फल, बीज, पुष्प काम आये। लकड़ी भी इमारतों में लगाई जावे।।


उत्तर:- 1. वेत कनेर 2. रक्त कनेर  3. पीत कनेर  4. रक्त पुष्प अडूसा  5. नीम

वृक्ष पहेलियां
1. यह एक ऊंचा वृक्ष है कहलाये। साढ़े तीन अक्षर का नाम बताये।।
औषधी में छाल काम आये। लकड़ी हल्की मुलायम बताये।।
2. यह वृक्ष मझले कद वाला खास। इसका होता शीघ्र हो विकास।।
काले कांटे चार का नाम में संयोग। पुष्प सुहावने, छाल, पत्र का उपयोग।।
3. एक वृक्ष एेसा बतलाता। यह झाड़ीदार कहलाता।।
चार के नाम को ना जाना भूल। रात को खिलते है सुगन्धित फूल।।
4. साधारण ऊंचा सुन्दर सुहावना। पुष्प सुगन्धित होता लुभावना।।
औषध में छाल पत्र का उपयोग। पांच अक्षरों का नाम से सहयोग।।
5. छोटा कांटेदार वृक्ष लुभावना। यह वृक्ष होता सुन्दर व सुहावना।।
जड़, छाल, पत्र, बीज का है उपयोग। साढ़े तीन अक्षर का नाम संयोग।।


उत्तर:- 1. योनाक (महानिम्ब) 2. फरहद  3. पारिजाता  4. जलवेतस  5. अंकोट

वृक्ष पहेलियां
1. कमल जाति का यह वृक्ष कहलाता। यह छोटा पेड़ बताया जाता।।
आधे-आधे मिला पांच का संयोग। औषध में है पुष्प-फलों का उपयोग।।
2. छोटा यह वृक्ष कहलाता। झाड़दार यह बतलाता।।
पांच अक्षरों में है नाम आता। पत्र, मूल, दवा में काम आता।।
3. छह अक्षरों का है नाम में योग। दवा में पंचाग का उपयोग।।
खाद्य चीजों का बीज से रंग बने। ये वृक्ष होते झाड़दार सुहावने।।
4. राष्ट्रीय वृक्ष यह है कहलाये। पवित्र दाढ़ी वाला बतलाये।।
दो अक्षरों का नाम में संयोग। पंचाग का औषध में उपयोग।।
5. लाख से बनती काली, लाल रोशनाई। सब पेड़ों से ज्यादा पवित्रता बताई।।
छाल, छालराख, पत्र, फल दवा में काम। तीन अक्षरों में आता नाम।।


उत्तर:- 1. स्थल पद्म 2. कट सरैया  3. सदा सुहागन  4. बड़  5. पीपल


वृक्ष पहेलियां
1. बड़े पेड़ का तीन अक्षर में आता नाम। शाखाएं सघन छाया उत्तम देना काम।।
आदी कटे हाथ, अन्त से देश कहलाये। मध्य कटे तो पार हमारी नाव लगाये।।
2. शाल जाति का यह कहलाये। इसकी लकड़ी काम में आये।।
मध्यम आकार इसे बतलाये। तीन अक्षरों का नाम कहलाये।।
3. पंजाब का राजकीय वृक्ष कहलाये। लकड़ी से सुघट सन्दूक, पलंग बनाये।।
लकड़ी इमारत में भी काम आये। वृक्ष का तीन अक्षर में नाम आये।।
4. यह छोटा और सदाबहार कहलाये। खासियां पहाडिय़ों पर पाया जाये।।
इसका तीन अक्षरों में है नाम बतलावे। आदी हटे माल, मध्य से पेंदा कहलावे।।
5. मध्यम आकार है जिसका। गोंद, रूई देना काम इसका।।
साढ़े पांच अक्षर में है नाम किसका। फूल आकर्षित करता है इसका।।


उत्तर:- 1. पाकर 2. शालई 3. शीशम  4. तमाल  5. कूटशाल्मल (सफेद सेमल)
वृक्ष पहेलियां
1. रंग के आधार पर काला कहलाये। इसका पांच अक्षरों में नाम बतलाये।।
मध्यम आकार का वृक्ष कहलाये। त्वचा, बीज, गोंद काम में आये।।
2. रंगाधार पर ही सफेद कहलाये। साढ़े पांच अक्षर में नाम बतलायें।।
मध्यम आकार का वृक्ष कहलाये। त्वचा, बीच, गोद, दवा बनाये।।
3. दो अक्षर का झाड़ीदार हूं। होता फूल फलदार हूं।।
कली, फल का शाक अचार बनता। कली, छाल, फल का औषध बनता।।
4. होता लघु वृक्ष कांटेदार हूं। मधुर सुगन्ध वाला फलदार हूं।।
हिमालय से दक्षिण पाने का योग। है साढ़े तीन अक्षर का संयोग।।
5. फल में कई रासायनिक तत्व पाये जाते। हरे फल छिलके से बाल रंगायो जाते।।
ऊंचा है चार अक्षरों में नाम आता। पका फल सूखने पर मेवा कहलाता।।


उत्तर:- 1. काला शिरीष 2. श्वेत शिरीष  3. कैर (करील)  4. कंटाई  5. अखरोट

वृक्ष पहेलियां
1. मैं होता वृक्ष झाड़ीदार हूं। होता भी मैं कांटेदार हूं।।
साढ़े पांच अक्षर नाम में आये। गोल फलों में अनेक तत्व पाये।।
2. होता वृक्ष मैं झाड़ीदार हूं। मैं भी होता कांटेदार हूं।
अनेक तत्व गोल फलों में पाये। नाम में साढ़े पांच अक्षर आये।।
3. साढ़े चार अक्षर का मेल होता। इसके बीज, लकड़ी में तेल होता।।
वर्षा के बाद फल पकता। फल बड़ा मीठा हो सकता।।
4. पेड़ हो सदाबहार व बड़ा भारी। जाने चाहे हो सन्त या घरबारी।।
खटाई हेतु ख्यात, अक्षर तीन का योग। फल, बीज, पत्र, पुष्पक्षार का उपयोग।।
5. वृक्ष मैं बहुत छोटा हूं। मैं महत्व में मोटा हूं।।
तीन अक्षर का नाम बनता। कच्चे-फलों का शाक बनता।।


उत्तर:- 1. जमीरी नींबू 2. कागजी नींबू  3. मीठा नींबू 4. इमली  5. पिडार

वृक्ष पहेलियां
1. आलू बुखारा का भेद कहलाता। यह तीन अक्षर में नाम बताता।।
मेरा फल है खाया जाता। मैं हिमालय में पाया जाता।।
2. वृक्ष होता मध्यम आकार का। उत्तर-पश्चिम भारत विस्तार का।।
फल ताजा व सूखे जाते हैं खाये। साढ़े तीन अक्षर में नाम आये।।
3. वृक्ष छोटा और मध्यम होवत। इसका काष्ठ मुलायम होवत।।
औषध में भारी गोंद उपयोगी। अढ़ाई अक्षर में नाम संयोगी।।
4. अमेरिका व केनिया में पावे भाई। चार में तीन आधे अक्षर और मिलाई।।
तब इस वृक्ष का अपना पूरा नाम बने। छुड़ाने के वर्ष बाद छाल काम करे।।
5. आस्ट्रेलिया से चल भारत आया। चार अक्षरों में यहां नाम पाया।।
मध्यम वृक्ष के पत्तों से सुगन्धित तेल। तेल का दावा, मच्छर भगाने का मेल।।


उत्तर:- 1. आलूचा 2. जर्दालु (खुबानी)  3. कुंबी  4. केस्ट कैश  5. कायपुटी

वृक्ष पहेलियां
1. हिमालय में है मेरा निवास। छोटा होता नहीं होता विकास।।
साढ़े तीन अक्षर का संयोग। औषधी में छाल का उपयोग।।
2. यूरोप, अमेरिका में सुघटता बढ़ाता। यह सुगन्धित पत्ते फल उपजाता।।
सुगन्ध में पत्ते, दवा में तेल का भोग। विदेशी पेड़ का दो अक्षर का संयोग।।
3. यह होता है वृक्ष विशाल। भारत के वन में बना मिशाल।।
दूध, बीज का औषधी में उपयोग। साढ़े चार अक्षर का नाम में योग।।
4. पत्तों में उडऩशील तेल मिलता। तेल से बढिय़ा मलहम बनता।।
तेल का औषधी में भी उपयोग। साढ़े चार अक्षर का संयोग।।
5. यह मध्यम आकार का वृक्ष कहलावे। महाराष्ट्र में ज्यादा पाया जावे।।
बीज, पत्र, तेल का उपयोग। दो अक्षर का नाम में संयोग।।


उत्तर:- 1. कुंगक 2. गार  3. चादकुड़ा  4. तेलपत्र  5. पिसा


वृक्ष पहेलियां
1. सिरिया-फिलीस्तीन में है पैदाइस। भारत में भी इनकी आजमाइस।।
बहुपयोगी फूल, बीजों का छिलका। नाम अढ़ाई अक्षरों में हल्का।।
2. वृक्ष लाल सागर समीप विकसित होता है। रालदार तेल सुगन्धित होता है।।
साढ़े तीन अक्षर का नाम बतलाए। अन्त कट जावे तो ताकत कहलाए।।
3. यदि हैं वृक्ष तो जीवन सफल। लागे सेब जैसे सुनहले फल।।
उत्तर-पश्चिम भारत में पाया जावे। जल में भीगा लुआब खूब का आवे।।
4. यह वृक्ष छोटा और झाड़ीदार होता। कश्मीर नेपाल खासी पहाड़ीदार होता।।
दवा चर्मरोग पर मलहम का काम करे। इसका साढ़े चार अक्षरों का नाम करे।।
5. औषधीय गुण इसकी फूल, पत्ती, छाल में। सुन्दर वृक्ष पाये कुमाऊं गढ़वााल में।।
फल खटाई हेतु, सुघट दन्तु पत्ता। अढ़ाई का इसका नाम बता।।


उत्तर:- 1. पिस्ता 2. बलसॉं  3. बिही  4. वेबरंग 5. चाल्ता

वृक्ष पहेलियां
1. कम पानी में पनपने का संयोग। इसके तेल का मलहम आदि में हो भोग।।
पांच अक्षर का झाड़ीदार वृक्ष कहलाए। तेल डीजल की तरह काम आए।।
2. यह वृक्ष मध्यमाकार है। शिव महिमा अपरम्पार है।।
गुठली से फल माला मुद्दा का उपयोग। साढ़े तीन अक्षरों का नाम में संयोग।।
3. ताड़ जाति का मलाया इंडोनेशिया में पाये। यह झाड़ीदार वृक्ष अब भारत में भी उगावे।।
इसके कंद का भारी उपयोग। नाम, अक्षर चार का संयोग।।
4. अमेरिका में सात समुद्र पार। भारत में भी जमाया आधार।।
छाल का मलेरिया में उपयोग। नाम में तीन अक्षरों का संयोग।।
5. मानव जैसे कद वाला। सुगन्धित जड़, कन्द वाला।।
जड़ उपयोगी-सुगन्धित तेल। साढ़े चार अक्षरों का मेल।।


उत्तर:- 1. रतनजोत 2. रूद्राक्ष  3. साबूदाना  4. सिकोना  5. कुलंजन

वृक्ष पहेलियां
1. यह छोटा झाड़ीदारी। औषध में महत्वभारी।।
साढ़े पांच अक्षर नाम में पुकारे। अब तो तुम्हें मिले नाम के इशारे।।
2. मध्यम अरू सदाबहार। है औषध का आधार।।
तीन अक्षरों में नाम बतलाता। कुटुम्ब-दल पर्याय है कहलाता।।
3. आकार मंझला बतलाया। पांच अक्षरों का कहलाया।।
लकड़ी मजबूत बताई। फूल, फलों की सब्जी बनाई।।
4. तीन अक्ष्र का नाम में होता सहयोग। कृमि ग्रह छाल, पंचाग का दवा में भोग।।
झाड़ीनुमा यह वृक्ष कहलाया। नदी तट पर उत्तर में बतलाया।।
5. बड़ा झाड़ीदार उत्तर में होता। इसमें चालीस फीसदी टफनिक एसिड होता।।
प्राप्त शर्कश दवा में उपयोगी। दो अक्षर इसके नाम में संयोगी।।


उत्तर:- 1. बाय विरंग 2. कबीला  3. अमलतास  4. माचिका  5. झाऊ

वृक्ष पहेलियां
1. हिमालय पर्वत पर पाया जावे। झाड़ीनुमा छोटा पेड़ कहलावे।।
इसकी छाल औषध में काम आवे। साढ़े तीन अक्षर में नाम आवे।।
2. पर्वतों पर इसके बसेरे। फूल खूब सुगन्ध बिखेरे।।
दूर तक फैले सुगन्ध। पांच अक्षर में नाम बन्द।।
3. तीन अक्षर का मंझला सुघट बताया। अनेक बार फूलों की हो काया।।
उछाल रस वार्निश बनाने के काम। फल-रस की स्याही का है बड़ा नाम।।
4. चीन भारत में पाया जावे। सुन्दर ऊंचा सदा हरित पावे।।
लकड़ी-पत्तों से कपूर बनता। इसका छह अक्षर में नाम ठनता।।
5. कर्नाटक का राजकीय पेड़ कहलाया। इसके फूल में सुगन्ध नहीं बतलाया।।
सुगन्ध आती इसकी लकड़ी में। साढ़े तीन नाम की जकड़ी में।।


उत्तर:- 1. भारंगी 2. पठानी लोध  3. भिलावा  4. चीनिया कपूर  5. चन्दन


वृक्ष पहेलियां
1.यह मंझला सदाबहार क हलाता। फलों में सुगधं नहीं बतलाता।।
लकड़ी का पीले से जुड़ा नाता। साढ़े पांच का श्वेत कहलाता।।
2.इस वृक्ष की मध्यम है ऊंचाई। काष्ठ सार की दवा है बनाई।।
यह दक्षिण भारत में पाया जाता। साढ़े पांच अक्षर लाल से नाता।।
3.इसकी ऊंचाई सौ हाथ है। इसका हिमालय में निवास।।
उतेल से तारपीन का तेल बनता। इसका पांच अक्षर से नाम निकलता।।
4.यह विदेशी पेड़ कहलाया । वृक्ष रस द्रव्य बतलाया।।
द्रव्य आता आता धूनी के काम। चार अक्षर में आता है नाम।।
5. इसका साढ़े पांच अक्षरों का प्रथम कहलाता। साठ हाथ तक ऊंचा झोपड़ी जैसा बतलाता।।
छाल पानक की पीते हैं चाय। यह सदाबहार फल भी है खाय।।

उत्तर:- 1. पीत चन्दन (श्वेत चन्दन) 2. लालचन्दन  3. धूपसरल  4. लोहआन  5. तालीसपत्र (एक)


वृक्ष पहेलियां
1. साढ़े पांच का दूजा कहलाऊं। सौ हाथ तक ऊंचा पाया जाऊं।।
ज्वलनशील तेल है पाया जावे। औषध में पत्ते खूब काम आवे।।
2. यह किसानों  की आत्मा। करे कीटो का खात्मा।।
लकड़ी से इमारत, फर्नीचर, दातुन। इसके पत्तों से औषध और दातुन।।
3. बड़ा होता वृक्ष, नाम में पांच अक्षर का प्रयोग।।
औषध के लिए होता है खूब फलों का उपयोग।।
4. सात अक्षर का नाम बताए। इसके पत्तों से गंध आए।।
फल-फूल होते हैं छोटे-छोटे। नाम नहीं बताये लगेंगे सोटे।।
5. यह पेड़ सदाबहार साधारण। शुद्ध राखे हमारा पर्यावरण।।
फल-गूदा खूब खाया जावे। सूखी कली के नाम बतावे।।


उत्तर:- 1. तालीस पत्र (दो) 2. नीम  3. धवल पेड़ 4. बढ़ी कासमरर  5. लाल नागकेसर

वृक्ष पहेलियां
1. यह गोंद देता मंझला है बतलाया। औषध फूल देता और देता छाया।।
औषध में छाल, बीज का काम। कुल तीन अक्षर में आता नाम।।
2. अलक्ष्मी का नाश करे, आयु बढ़ाने वाला। मंझलाकार पतंग निर्माण कराने वाला।।
पत्र पवित्रता, प्रसुतिगृह, दवा में उपयोग। इसका फूल सुगन्धित, तीन अक्षरों का संयोग।।
3. फूलों की महिमा से जाने आप। इन कोमल कलिकाओं से बने शाक।।
छाल, पत्र, पुष्प दवा में काम आये। इसका दो अक्षर में नाम आये।।
4. तीन अक्षर में औषध गण दशमूल की है। दवा में महिमा तत्व, पत्र, फल, मूल की है।।
यह वृक्ष की जंगली कहलाए। सुघट व ऊंचा वृक्ष बतलाए।।
5. दशमूल गण की औषध कहलाए। यह वृक्ष सुघट व ऊंचा बतलाए।।
फूलों का सुगन्ध देना है काम। इसका तीन अक्षर में आता नाम।।


उत्तर:- 1. सिरस 2. कटोरी  3. सोन 4. सवन  5. पाडर
वृक्ष पहेलियां
1. छोटा वृक्ष है कहलाता। दो अक्षरों में नाम आता।।
पंचाग, मूल, पत्र औषधमय। इसके पुष्प होते सुगन्धमय।।
2. सूची भूमि में नही पनपता। मंझले से ऊंचा नहीं बढ़ता।।
दशमूल में छाल का उपयोग। दो अक्षर का नाम में संयोग।।
3. राजकीय वृक्ष आन्धप्रदेश का। धरीती का रहा कल्पतरू हमेशा का।।
देता कीटनााशक फल खाद दया। पर्यावरण को मिले है शुद्ध हवा।।
4. राज्य वृक्ष उत्तराखण्ड का। यह है गौरव भारत खण्ड का।।
साढ़े तीन अक्षर का नाम आया। इसका खूब सुन्दर पुष्प बताया।।
5. उत्तर प्रेदश है राज्य विराट। पेड़ के नाम का बड़ा सम्राट।।
उसका राज्य वृक्ष है कहलाए। घरों-बगीचे की शोभा बढ़ाए।।

उत्तर:- 1. रैन (अरनी) 2. नट (स्गेनापाठा)  3. नीम 4. बुरांस  5. अशोक



वृक्ष पहेलियां
1. राजकीय वृक्ष हरियाणा का। जिक्र ऑक्सीजन खजाना का।।
तीन अक्षर में है नाम कहलाए। सारे देवों का वास बतलाए।।
2. गरीबों का बने यह सहारा। पत्तों से मिलता है पशु चारा।।
राजस्थान का राज्यवृक्ष कहलाए। इसका चार अक्षर में नाम बतलाए।।
3. फल रेशे से रस्सी है बनती। स्वाद में भी खूब ठनती।।
केरल का राजकीय वृक्ष कहलाए। इसका चार अक्षर में नाम बतलाए।।
4. इसकी तरस्करी में वीरप्पन ने जीवन गंवाया। कर्नाटक राज्य का राजकीय वृक्ष बताया।।
यह होता सुगन्ध का है खजाना। साढ़े तीन अक्षर में नाम जाना।।
5. इसका महत्व बड़ा भारी। यह होता है जटाधारी।।
इसका चार अक्षर में है नाम बतलाए। मध्यप्रदेश का राज्य वृक्ष कहलाए।।


उत्तर:- 1. पीपल 2. खेजड़ी  3. नारियल  4. चन्दन  5. बरगद

वृक्ष पहेलियां
1. पंजाब का राज्य वृक्ष कहलाता। इसका तीन अक्षरों में नाम आता।।
गहरी छाया का है दाता। बीज, लकड़ी से है पनपता।।
2. बोर्निओ सुमात्रा की पैदाइश। इसके नाम में सात की गुजाइश।।
जमे हुए पदार्थ के खेल का। बड़ा महत्व इसके तेल का।।
3. इस बात को न जाना भूल। इसका है भारतीय मूल।।
इसमें तरल द्रव्य तेल होता। पांच अक्षरों का है मेल होता।।
4. एक छोटा-सा वृक्ष कहलाता हूं। तीन अक्षर में नाम बतलाता हूं।।
आपका करता हूं पूरा सहयोग। औषधी में पत्र, मूल का उपयोग।।
5. राष्ट्रीय राजकीय इसका फल। उत्तर भारत है इसका स्थल।।
रब ने सैकड़ों किस्म बताई। याद आता है जब गर्मी आई।।


उत्तर:- 1. शीशम 2. भीमसेन कपूर  3. नागी कपूर 4. थुनेर  5. आम

Sunday 10 March 2013

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभावान सम्मान समारोह एवं ​परिवार मिलन कार्यक्रम में नवभारत से सेवानिवृत्त होने पर श्री खेलावन साहू का सम्मान करते प्रो. ए.एस. झाडगांवकर एवं डॉ. सोमनाथ यादव.

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभावान सम्मान समारोह एवं ​परिवार मिलन कार्यक्रम में नवभारत से सेवानिवृत्त होने पर श्री खेलावन साहू का सम्मान करते प्रो. ए.एस. झाडगांवकर एवं डॉ. सोमनाथ यादव.


परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते राज्य पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ यादव.

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते डॉ. सी.वी. रमन वि.वि. के कुलपति प्रो. ए.एस. झाडगांवकर.

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर.प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते डॉ. सी.वी. रमन वि.वि. के कुलपति प्रो. ए.एस. झाडगांवकर.

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर.प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में उपस्थित संघ के सदस्य एवं परिवार.   

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह कार्यक्रम मंचस्थ अतिथि.

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते नवभारत के उपसंपादक श्री गणेश तिवारी.

परिवार मिलन समारो​ह 03.02.2013

 बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते नवभारत के उपसंपादक श्री सईद खान.


03-02-2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह  में अतिथियों का स्वागत करते संघ के सदस्य.


03-02-2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह  में अतिथियों का स्वागत करते संघ के सदस्य. 

Tuesday 5 March 2013

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते संघ के सदस्य.

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते संघ के सदस्य.


प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते संघ के सदस्य.

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

कैप्शबिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते संघ के सदस्य

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में मंचस्थ अतिथि

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करते अतिथि.

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में मंचस्थ अतिथि एवं परिवार के सदस्य.

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार.

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर.प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित रक्त वर्ग परीक्षण शिविर में परीक्षण कराते संघ के पदाधिकारी व सदस्य.

प्रतिभा सम्मान समारोह 03.02.2013

बिलासपुर. प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं परिवार मिलन समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार.

Monday 4 March 2013

प्रतिभावान सम्मान समारोह 2013

प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभावान सम्मान समारोह में उपस्थित अतिथि और परिवार के सदस्य 


प्रतिभावान सम्मान 2013

प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभावान सम्मान समारोह में कर्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार और उपस्थित अतिथि 


रक्त वर्ग परिक्षण शिविर 03-02-2013



रक्त वर्ग परिक्षण शिविर 

प्रतिभा सम्मान समारोह ३-२ -१३


  



प्रतिभावान सम्मान 03-02-2013

प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभावान सम्मान कर्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार 

प्रतिभावान सम्मान 03-02-2013

प्रेस कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित प्रतिभावान सम्मान में कर्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार